ब्रेल लिपि की जानकारी
ब्रेल लिपि एक लिखने की विधि है जो की नेत्रहीनो को पदने में मदद करती है |इसे छू कर पडा जाता है इस लिपि का अविष्कार एक नेत्रहीन फ्रांश के लेखक लुइ ब्रेल ने १८२१ में किया था|
इनका जन्म ४ जनवरी १८०९ को पेरिस से लगभग २० मील दूर कुपये में ग्रामीण इलाके में हुआ था |इनके पिता का नाम साइमन था और माता का नाम मोनिक था |लुइ के तीन भाई बहिन थे और इनके घर की आर्थिक स्थिती ठीक नहीं थी| बचपन में एक दुर्घटना में उनकी आँखों की रोशनी चली गई थी| बालक लुई की द्रष्टी पूरी तरह से चली गई थी |
लुई ब्रेल की पड़ी में काफी रूचि थी |पदने के साथ -२ उन्होंने द्रष्टी हीन लोगो के लिए भाषा के विकास पर काम करना शुरू कर दिया था |अपने स्कूल में पदाई के दौरान उनकी मुलाकात सेना के कप्तान चार्ल्स बर्बिएर से हुई | चार्ल्स बर्बियेर ने सेना के लिए एक ऐसी कूट लिपि का आविष्कार किया था जिसकी मदद से सेनिक अंधेरे में भी संदेशो को पद सकते थे |
लुई ब्रेल ने इसमें सुधर करते हुए १२ की जगह ६ बिन्दुओ का उपयोग कर ६४ अक्षर और चिन्हों का आविष्कार किया |उनकी इस लिपि को ब्रेल लिपि कहा जाता है |
0 comments:
Post a Comment